Rajasthan Chunav 2023 | राजस्थान चुनाव से पहले ही कांग्रेस करेगी 100 उम्मीदवार घोषित

Rajasthan Chunav 2023 | राजस्थान चुनाव अब राजस्थान में जल्द ही शुरू होने वालें है, इसलिए राजस्थान में कॉन्ग्रेस सरकार नई रणनीति बना रही है, राजस्थान चुनाव के पहले ही 100 उम्मीदवार घोषित करने की सोच रही है ,जिस से वो Rajasthan assembly election में पहले से अपनी पूरी तयारी कर सके
Rajasthan election 2023 News : प्रदेश में चुनाव नजदीक आने के साथ ही अब टिकट फॉर्मूला को लेकर चर्चा होने लगी है। हाल ही सीएम गहलोत ने टिकट वितरण के लिए नए फार्मूले का जिक्र किया। माना जा रहा है कि कांग्रेस इस पर अमल कर दो महीने पहले ही प्रत्याशियों का नाम तय करेगी।
Rajasthan Election 2023 के लिए पुर जोर रणनीति
विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस सरकार को रिपीट करने में पूरा जोर लगा रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले छह महीनों से लगातार प्रदेश का दौरा कर रहे हैं।
- ग्रामीण ओलेंपिक के निरीक्षण के बहाने
- महंगाई राहत कैंपों के अवलोकन के बहाने व
- हर क्षेत्र में दौरे करके सभाओं को संबोधित कर रहे हैं।
- सरकार की योजनाओं का बार बार जिक्र करते हैं।
- प्रदेश के हर वर्ग को राहत प्रदान की है और हर परिवार को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ गारंटी से दिया जा रहा है।
- सीएम गहलोत ने टिकट वितरण के लिए नए फार्मूले का जिक्र किया। ऐसा लग रहा है इस फार्मूले के आधार पर कांग्रेस चुनाव से दो महीने पहले ही प्रत्याशी तय कर देगी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस में टिकट देने की पुरानी परम्परा खत्म होनी चाहिए। ऐन वक्त पर टिकट देने से प्रत्याशी अपने क्षेत्र में ज्यादा मेहनत नहीं कर पाया क्योंकि दिल्ली में होने वाली बैठकों के दौरान में कई दिनों तक सड़कों पर दौड़ता रहता है। कई दिनों की भागदौड़ में इतना थक जाता है कि टिकट मिलने पर वह उतनी ताकत से मेहनत नहीं कर पाता जितनी ताकत से वह कर सकता है। अगर टिकट वितरण का सिस्टम बदले और दो महीने पहले ही प्रत्याशी का तय हो जाए तो प्रत्याशी पूरी मेहनत से चुनाव लड़ सकता है। सीएम गहलोत ने कहा कि उन्होंने प्रदेश प्रभारी रंधावा को इस बारे में बता दिया है और दिल्ली में होने वाली मीटिंग में भी इस बात को रखा जाएगा।
चुनाव से दो महीने पहले टिकट तय होने से कांग्रेस को दो तरह से फायदे हो सकते है।
- पहला फायदा तो यह कि प्रत्याशी पूरी ताकत से अपने विधानसभा क्षेत्र में तैयार कर सकेंगे।
- दूसरा फायदा यह कि नाराज या बागी होने वाले नेताओं को मनाने का पर्याप्त समय मिल जाएगा।
अब तक यही होता आया है कि कई प्रत्याशियों ने नाम नामांकन के अन्तिम दिन की पूर्व संध्या पर तय होते हैं। ऐसे में बागी नेताओं को मनाने का समय नहीं मिलता और पार्टी को नुकसान उठाना पड़ता है। साथ ही राहुल गांधी की मंशा के अनुरूप इस बार करीब 100 सीटों पर 50 वर्ष से कम आयु के युवा नेताओं को टिकट दिए जाने की तैयारी की जा रही है।